Kisaan Andolan 2020:
साल 2020 में किसान आंदोलन की शुरआत हुई थी यह आंदोलन 378 दिन चला था | और उस वक़्त इस आंदोलन में 600 से भी ज्यादा किसानो ने अपनी जान गवाई थी | उस आंदोलन में कुल 35 बड़े संगठन और 300 से भी अधिक छोटे संगठन शामिल हुए थे|साल 2020 में किसान आंदोलन की शुरआत हुई थी यह आंदोलन 378 दिन चला था | और उस वक़्त इस आंदोलन में 600 से भी ज्यादा किसानो ने अपनी जान गवाई थी | उस आंदोलन में कुल 35 बड़े संगठन और 300 से भी अधिक छोटे संगठन शामिल हुए थे|
What was in the farmer bill 2020:
आज हम आपको बताते है की क्या था किसान बिल में | जिसकी वजह से किसान आंदोलन कर रहे है |
- Farmer Produce Trade And Commerce(Promotion and Facilitation)2020: 5 जून 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रख्यापित किया गया था। लोकसभा ने 17 सितंबर 2020 को इस बिल को मंजूरी दे दी और राज्यसभा ने 20 सितंबर 2020 को।इस कानून से पहले भारत में कृषि व्यापार केवल APMC(Agricultural Produce Market Committee) के जरिये होता था |इस कानून का उद्देश्य किसानों को अपने उत्पाद नोटिफाइड APMC(Agricultural Produce Market Committee) यानी तय मंडियों से बाहर बेचने की छूट देना है।
- The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Act,2020: इस बिल के अनुसार किसान और खरीददार के बीच फसल उत्पादन से पहले ही एक contract हो जायेगा | जिसमे फसल उत्पादन से पहले ही कम्पनीज द्वारा खरीद ली जाएगी|
- Essential Commodities (Amendment) Act, 2020:जिसके अनुसार अनाज, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक चीज़ो की सूची से हटा दिया गया है । इसका अर्थ यह है कि अब निजी खरीदारों द्वारा इन वस्तुओं के जमा करने पर सरकार का नियंत्रण नहीं होगा
Farmer Protest 2024:
एक बार फिर से किसानो ने दिल्ली की तरफ कुछ कर दी है | सरकार की तरफ से कोई भी जवाब न मिलने पर किसानो ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है | सरकार ने दिल्ली के बॉर्डर को international बॉर्डर बना दिया है | हैरानी इस बात की है की सरकार किसानो पर आंसू गैस के गोले , rubber bullet चला रही है जैसे की वह किसान नहीं आतंकबादी हो | क्या भारत देश में प्रदर्शन ,सवाल पूछना गैर कानूनी हो गया है |किसानों के रास्ते में कीलें, तारें, बैरिकेड लगाकर रोका जा रहा है | इससे पहले पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों की मंगलवार को हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस से भिड़ंत हुई|इसमें कई किसान घायल हो गए। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए। जवाब में किसानों ने पुलिस पर पथराव किया। उन्होंने ट्रैक्टर-ट्रालियों से कुछ बैरिकेड भी तोड़ दिए। किसान दिल्ली पहुंचने की जिद पर अड़े हैं। जबकि सरकार उन्हें रोकने के लिए हर कदम उठा रही है।
KISAAN ANDOLAN:Demands of Farmers:
- MSP(Minimum Support Price) पिछली बार के आंदोलन में किसानो ने MSP की मांग की थी| और कहा था की उन्हें आश्वासन दिया जाए की MSP पूरी तरह से GURANTED होगा जिसके बाद आंदोलन पर रोक लगायी जाएगी | सरकार द्वारा किसानो की इस बात को मान तो लिया गया था | पर सरकार लिखित में देने को तैयार नहीं हुई | बात की जाये MSP की | की MSP क्या होता है तो MSP एक ऐसा रेट होता है जिसकी सरकार किसानो को गारंटी देती है | की आपकी कितनी भी फसल हम आपसे Minimum Support Price पर हम खरीद लेंगे इससे किसानो को एक सुरक्षा मिलती है | की हम कितनी भी फसल ऊगा ले | हमे एक स्तर से काम दाम पर फसल नहीं बेचना पड़ेगा
- इसके इलावा किसानो की मांग है किसानो और कृषि मजदूरों की कर्ज माफ़ी|
- भूमि अधिग्रहण में 2013 के कानून पर वापिस जाना इसके इलावा पिछले आंदोलन में किसानो पर दर्ज मुक़दमे वापिस लिए जाए|
- लखीमपुर खेरी का जो मामला था | जिसमे आपको याद होगा की ग्रह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी से ४ किसानो की मौत हो गयी थी | उन दोषियों को दंड दिया जाए|
- इसके इलावा पिछले प्रदर्शन में मारे गए किसानो के परिवारों को मुआवजा दिया जाए|
- 58 साल से ऊपर के किसानो के लिए pension की ब्यावस्था
- NAREGA Scheme के तहत 200 दिन काम की गारंटी
- WTO से भारत निकल जाये
- CORPORATE सेक्टर्स का कृषि में INTERFERANCE ना हो |
अब देखने की बात यह है की सरकार किसानो की इन् मांगो को मानती है जा नहीं
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https://youtu.be/A5Po1WL7jzI