Anti Cheating Bill Lok Sabha : इम्तेहान नियमो का उलंगन करने वाले हो जाए सावधान | भरना पर सकता है 1 करोड़ तक का जुर्माना और जाना पर सकता है 10 साल के लिए जेल

Anti cheating bill : पेपर लीक सहित सरकारी भर्ती परीक्षा धोखाधड़ी को रोकने के लिए लोकसभा ने मंगलवार को ‘एंटी चीटिंग, बिल लोकसभा’ कानून बनाया। टेस्ट पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने में अधिकारियों के साथ सहयोग करने पर 10 साल की जेल की सजा और ₹ 1 करोड़ का जुर्माना हो सकता है।

Anti Cheating Bill Lok Sabha

इन कदाचारों को अब सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम)बिल , 2024 के तहत गैर-जमानती अपराध माना जाएगा , जिसमें दोषियों को पांच साल की जेल और लगभग 1 करोड़ तक का जुर्माना भुगतना होगा|राज्यसभा अब बिल की प्रस्तुति सुनेगी। यदि यह बिल उच्च सदन से पास हो जाता है तो यह अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा। इसके अतिरिक्त, आपराधिक कानून , 1944 द्वारा अनुचित परीक्षा प्रथाएं अपराध बन जाएंगी।

उद्देश्य और संदर्भ

युवा लोगों को यह आश्वासन देते हुए कि उनका भविष्य सुरक्षित है और उनके ईमानदार प्रयासों का फल उन्हें मिलेगा , सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों के खुलेपन, समानता और विश्वसनीयता में सुधार करना ही इस बिल का उद्देश्य है ।

सरकारी भर्ती परीक्षाओं में विसंगतियों और कदाचारों को कड़ी सजा देने के उद्देश्य वाले एक कानून को मंगलवार को लोकसभा ने मंजूरी दे दी। इसमें अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान शामिल है।

सरकार के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षा संचालन बिल , 2024 का उद्देश्य योग्य छात्रों के हितों की रक्षा करना है।

Anti cheating bill

 

आईये जानते है की इस बिल के दौरान वो कौन सी बातें है | जिन्हे ना मानने पर आपको दंड मिल सकता है|

1.प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी लीक होने पर

2.उत्तर कुंजी या प्रश्न पत्र जारी करने वाले गिरोह का सदस्य होना

3.उत्तर पत्रों के साथ छेड़छाड़

4.धोखा देने या लाभ कमाने के लिए कपटपूर्ण वेबसाइटें बनाना

5.कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क मे शेरशाद करना

6.सार्वजनिक परीक्षा के नियमों और विनियमों को तोड़ना

 

यदि व्यक्ति या समूह धोखाधड़ी करते हुए पाए जाते हैं तो दंड क्या हैं?

यदि कोई व्यक्ति इस बिल के दौरान दोषी पाया जाता है, तो उस पर गैर-जमानती अपराध का आरोप लगाया जाएगा, जिसमें अधिकतम पांच साल की जेल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना होगा। यदि अपराधी जुर्माना देने से इनकार करता है तो उसकी सजा बढ़ाई जा सकती है।

यदि कोई परीक्षा प्राधिकरण कर्मचारी अपराध की साजिश रचने का दोषी पाया जाता है, तो उन्हें न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना और अधिकतम पांच साल की जेल की सजा होगी, जिसमें 10 साल की बढ़ोतरी की संभावना है।

कंप्यूटर केंद्र में उपस्थित कर्मचारी जो ऑनलाइन परीक्षाओं का संचालन करते हैं, दोषी पाए जाने पर उनको 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा , और यदि वे धोखाधड़ी में सहायता करते हुए पाए जाते हैं तो “ऐसे कर्मचारी से परीक्षा की पूर्ण लागत वसूल की जाएगी”। उन्हें किसी भी प्रकार की सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने से भी चार साल तक प्रतिबंधित किया जाएगा।

image credit :nirala times

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