Article 370: जानिये क्या था Atricle 370 और J&K पर क्या पड़ा इसका प्रभाब |

What is Article370?

भारतीय संविधान में Article 370 ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया, यह Indian subcontinent के उत्तरी भाग में स्थित एक राज्य है | जैसा की आप जानते है की कश्मीर आजादी के बाद से ही भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच विवाद का विषय रहा है। जम्मू और कश्मीर को 17 नवंबर 1952 से 31 अक्टूबर 2019 तक भारत द्वारा एक राज्य के रूप में प्रशासित किया गया था, और अनुच्छेद 370 ने इसे एक अलग संविधान, एक राज्य झण्डे की शक्ति प्रदान की थी

Article 370 को भारतीय संविधान के भाग XXI में “अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान” शीर्षक से तैयार किया गया था। इसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा को यह अधिकार होगा कि भारतीय संविधान राज्य पर किस हद तक लागू होगा। राज्य विधानसभा धारा 370 को पूरी तरह से निरस्त भी कर सकती है, ऐसी स्थिति में भारतीय संविधान की सभी धाराएं राज्य पर लागू होतीं।

Special right in Article370:

  1. Article 370 के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का तो अधिकार है पर किसी अन्य विषय से सम्बन्धित क़ानून को लागू करवाने के लिये केन्द्र को राज्य सरकार की इज्जाजत लेनी होगी ।
  2. Article 370 के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की Article356 लागू नहीं होती।
  3. राष्ट्रपति को राज्य के संविधान को बर्ख़ास्त करने का अधिकार नहीं है।।
  4. Urban Land Act of 1976 क़ानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।इसके अनुसार बाहरी लोग जम्मू कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते
  5. Article 360 ​​of the Indian Constitution जिसके अन्तर्गत देश में financial emergency लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
  6. जम्मू और कश्मीर का भारत के साथ जोड़ना ज़्यादा बड़ी ज़रूरत थी और इस काम को अंजाम देने के लिये धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार जम्मू कश्मीर की जनता को उस समय दिये गये थे।
Article 370
Article 370

Opposition to Section 370:

Article 370 का विरोध नेहरू के दौर में ही कांग्रेस पार्टी द्वारा हुआ जाने लगा था।संविधान लिखने वाले और भारत के पहले कानून मंत्री भीमराव आम्बेडकर भी Article 370 के विरोधी थे। उन्‍होंने इसका मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार करने से भी मना कर दिया था। आंबेडकर के मना करने के बाद शेख अब्‍दुल्‍ला नेहरू के पास गए और नेहरू के निर्देश पर एन. गोपालस्‍वामी अयंगर ने मसौदा तैयार किया था।भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शुरू से हीArticle 370 का विरोध किया था । उन्होने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत टुकड़ों में बंट रहा है। मुखर्जी ने इस कानून के खिलाफ भूख हड़ताल भी की थी। वो जब इसके खिलाफ आन्दोलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए तो उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया। वह गिरफ्तार कर लिए गए थे। 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमत ढंग से मृत्यु हो गई।

प्रकाशवीर शास्त्री ने धारा 370 को हटाने का प्रस्ताव 11 सितम्बर, 1964 को संसद में रखा था। इस पर भारत के गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा ने 4 दिसम्बर, 1964 को जवाब दिया। नन्दा ने  सरकार का समर्थन किया । जब दूसरे सदस्यों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कहा, यह मेरा सोचना है दुसरो को इस पर वाद-विवाद नहीं करना चाहिए| इस तरह का एक अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया गया। नंदा पूरी चर्चा में धरा 370 के विषय को टालते रहे। वे बस इतना ही कह पाए कि विधेयक में कुछ क़ानूनी कमियां हैं।

हिन्दू महासभा, भारतीय जनसंघ, भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना शुरू से ही इसे हटाने की मांग करतीं आयी है । आखिर कार August 2019 में यह धारा हटा दी गयी|

Remove Article 370 in j&k

5 अगस्त 2019 को, भारत सरकार राष्ट्रपति द्वारा एक आदेश जारी कर 1954 के इस आदेश को हटा दिया और भारतीय संविधान की सभी धाराओं को जम्मू और कश्मीर पर लागू कर दिया। 6 अगस्त को एक और आदेश ने अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से हटा दिया गया|
इसके अलावा, In addition, the Jammu and Kashmir Reorganisation Act, 2019 संसद द्वारा पास किया गया, जिससे जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख कहा गया पुनर्गठन 31 अक्टूबर 2019 को हुआ।संविधान के Article 370 को निरस्त को चुनौती देते हुए, भारत के सर्वोच्च न्यायालय( Supreme Court of India)में कुल 23 याचिकाएँ प्रस्तुत की गईं, जिसने इसके लिए पाँच जज की बैठक का गठन किया। 11 दिसंबर 2023 को, पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्काषित कर दिया गया| धरा 370 को हटाने के चलते जम्मू कश्मीर में सुरक्षा भी कड़ी कर दी गयी थी |

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